पेइचिंग
लद्दाख में भारत के साथ उलझना चीन को अब भारी पड़ने लगा है। दुनियाभर के देशों के भारत के पक्ष में लामबंद होने के बाद अब यहां के बेरहम मौसम ने चीनी सैनिकों के ऊपर असर दिखाना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि चीन को आनन-फानन में वास्तविक नियंत्रण रेखा से अपने 10,000 सैनिकों को हटाना पड़ा है। हालांकि, भारतीय सेना ने ऐसी किसी भी खबर से इनकार किया है। आर्मी के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक LAC पर स्थित में कोई बदलाव नहीं हैं। भारत-चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध जारी है। दोनों देशों के सैनिक आमने सामने डटे हैं। फ्रंट लाइन से न तो चीन ने न ही भारत ने सैनिकों की संख्या कम की है। पूर्वी लद्दाख में चीन ने अपने करीब 10 हजार सैनिकों को वापस भेज दिया है। सरकार के टॉप सूत्रों के हवाले से इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि लद्दाख में भारतीय सीमा के पास पारंपरिक तौर पर जहां चीनी सैनिक ट्रेनिंग करते थे, वो जगह फिलहाल खाली नजर आ रही है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय सीमा से सटे 200 किलोमीटर के इलाके से चीन ने अपने सैनिकों को हटाया है। माना जा रहा है कि चीन ने इस इलाके में कड़ाकी की ठंड के कारण ऐसा कदम उठाया है। चीन के अधिकतर सैनिक इतनी ज्यादा ऊंचाई पर रहने के अभ्यस्त नहीं हैं। इस कारण बड़ी संख्या में चीनी सैनिक बीमार पड़ रहे हैं। हाल में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पैंगोग झील के उत्‍तरी क‍िनारे पर चीनी सेना को अपने कई सैनिक खोने पड़े हैं। इनमें से कई को बीमार होने के बाद तत्काल इलाज के लिए निचले इलाकों में लेकर जाते हुए देखा गया था। भारत-चीन सीमा पर मई से जारी तनाव वाले इलाकों में अक्टूबर की शुरूआत से ही ठंड की भीषण मार पड़नी शुरू हो गई थी। लद्दाख में चीनी सेना के सामने तैनात भारतीय फौज दुनिया की सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन के अपने अनुभवों से हालात के मुताबिक खुद को ढाल चुकी है। चीनी सेना ठंड के मौसम में कभी भी इतनी ऊंचाई पर स्थित ऑपरेशनल पोस्ट पर आज के पहले तैनात नहीं रही है। ऐसे में न केवल उसके सैनिकों की स्थिति खराब होने लगी है, बल्कि उसे कब्जाया इलाका खोने का भी डर सताने लगा है।
 

Source : Agency